Jaunpur News : नेहरू बालोद्यान के चेयरमैन डॉ. सीडी सिंह के पुत्र यूपीएससी में सेलेक्शन

Nehru Balodyaan chairman Dr. CD Singh's son selected in UPSC

मां डॉ. चंद्रकला सिंह के छलके खुशी के आंसू

जौनपुर। सफलता यूं ही नहीं मिलती और न ही इसका कोई शॉटकर्ट होता है। कुछ ऐसा ही कर दिखाया है जौनपुर के एक युवा होनहार ने। पिछली बार भले ही वह चूक गए थे लेकिन इस बार सफलता ने उनके कदम चूमे। उनकी इस उपलब्धि पर न सिर्फ उनके घर परिवार, गांव में बल्कि जनपद में खुशी का माहौल है। जी हां हम बात कर रहे हैं जौनपुर के प्रसिद्ध विद्यालय नेहरू बालोद्यान के चेयरमैन डॉ. सीडी सिंह और डायरेक्टर डॉ. चंद्रकला सिंह के प्रतिभावान सुपुत्र गौतम सिंह की। गौतम सिंह ने संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) ने सिविल सेवा परीक्षा (CSE) 2024 में सफलता हासिल की है। डॉ. सीडी सिंह के पुत्र गौतम सिंह का चयन होने से परिवार में खुशियां छा गई। गौतम सिंह ने 526वीं रैंक हासिल की है।

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अगली बार फिर से प्रयास करेंगे बच्चे : डॉ. सीडी सिंह


पत्रकारों से बातचीत के दौरान मूल रूप से सरायख्वाजा थाना क्षेत्र के सोनिकपुर गांव के निवासी डॉ. सीडी सिंह ने कहा कि कोई सफलता जो है बहुत परिश्रम का परिणाम होती है। गौतम सिंह ने कक्षा 12 तक नेहरू बालोद्यान से पढ़ाई की। यहां से पढ़ाई करने के बाद वह दिल्ली गए वहां से उन्होंने हिस्ट्री ऑनर्स किया। हिस्ट्री ऑनर्स करने के बाद सीएलसी से एलएलबी जॉइन किया। शुरू से उनकी इच्छा सिविल में जाने की थी और उन्होंने प्रयास किया। पिछले साल इंटरव्यू तक गए थे, नहीं हुआ। इस बार फिर प्रयास किए और उन्होंने सफलता पाई और इस सफलता से वह खुश नहीं है और अगली बार फिर ट्राई करेंगे। दोनों बच्चों ने ट्राई किया लेकिन एक का हुआ लेकिन दूसरे का नहीं हुआ। कुछ नंबरों से वह रुक गया लेकिन धैर्य और धीरज उनके पास इतना है तो उन्होंने कहा कि कोई बात नहीं पापा अगले साल आ जाएगा। एक का सेलेक्शन होना और एक का न होना थोड़ा सा दुखदाई है लेकिन उनका धैर्य देखकर हम लोग खुश है। उन्होंने और बच्चों के लिए प्रेरणादायक संदेश देते हुए कहा कि अगर हम घर पर हिंदी बोल रहे हैं और हिंदी भाषी इलाके में रह रहे हैं तो पढ़ाई भी हमें हिंदी माध्यम से करनी चाहिए। आजकल जो इंग्लिश मीडियम में लोग एडमिशन करा देते हैं, घर पर भोजपुरी बोलते हैं, बाहर आते हैं तो खड़ी भाषा बोलते है और स्कूल जाते हैं तो इंग्लिश बोलते हैं। एक छोटे से बच्चे को पहले तीन-तीन भाषा समझनी होती है। इसके बाद वह पढ़ाई के बारे में समझता है। फिलहाल बेटे की उपलब्धि से वह खुश है। वहीं उन्हें बधाई देने वालों को तांता लगा हुआ है। गौतम सिंह दूसरे नंबर के पुत्र हैं।


पढ़ाई के दौरान हमने स्कूल के बच्चों और अपने बच्चों में कभी फर्क नहीं किया : डॉ. चंद्रकला सिंह


डॉ. चंद्रकला सिंह ने कहा कि हमसे कई लोगों ने कहा कि अपने स्कूल में बच्चे को मत पढ़ाइए, किसी और स्कूल में डाल दीजिए तो मैंने कहा कि नहीं, हम इतने बच्चों का भविष्य संवार रहे हैं तो हम अपने बच्चे का भी भविष्य संवारेंगे क्योंकि हमारे लिए सभी बच्चे एकसमान हैं। स्कूल में जब हमारे बच्चे पढ़ते थे तो हमने कभी अपने बच्चे और स्कूल के बच्चों में कोई फर्क नहीं किया। सब बच्चों में हमें अपना बच्चा नजर आता है और वह अभी भी आता है। हम अपना काम पूरी ईमानदारी से कर रहे हैं। उन्होंने अपने बच्चे के यूपीएससी में सेलेक्शन होने पर खुशी जताई है।


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