Jaunpur Samachar : अधर्म और अनीति से युद्ध में विजय प्राप्त करना भी अधर्म है, ऐसी विजय अस्वीकार है..

Winning a war through injustice and injustice is also injustice; such a victory is unacceptable.

शाहगंज, जौनपुर। प्राचीन बड़ी मंदिर पर बीते मंगलवार को कलश यात्रा के साथ प्रारंभ हुए वृहद आयोजन के तीसरे दिन भारी संख्या में भक्तगण उपस्थित रहे। पूरा दिन भक्तों ने पूरी श्रद्धा से हवन—पूजन किया और यज्ञस्थल की 108 बार परिक्रमा लगाया। वहीं शाम को कथा वाचक व्यास गोपीनाथ शास्त्री ने श्रीमद् भागवत कथा का वर्णन किया। इस बीच भारी संख्या में उपस्थित श्रोतागण मधुर भजनों की धुन पर गाते-झूमते दिखे।

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नगर के पश्चिमी कौड़िया पक्का पोखरा गुरु धाम स्थित गुरू जी के प्राचीन मंदिर पर चल रहे श्री विष्णु महायज्ञ श्रीमद भागवत कथा आयोजन के तीसरे दिन भागवताचार्य शास्त्री जी ने कथा वाचन में मुख्य रूप से कौरवराज दुर्योधन-महाबली भीम युद्ध कथा सार का वर्णन किया। इसमें धर्म नियम और नीति को सर्वोपरि बताते हुए उन्होंने कहा कि जब महाबली भीम को यह अवसर मिला कि वे अपनी गदा से दुर्योधन के जांघों पर प्रहार कर उसका वध कर सकते थे। उस परिस्थिति में द्रौपदी पुत्र महाबली भीम ने कहा कि गदा युद्ध में कमर के नीचे प्रहार करना अधर्म है। अधर्म और अनीति से युद्ध में विजय प्राप्त करना भी अधर्म है, ऐसी विजय अस्वीकार है।

कथा के बीच रोज थोड़ा—थोड़ा हरि का भजन कर लें, जीवन सफल कर लें आदि भजनों पर भारी संख्या में उपस्थित श्रोतागण गाते झूमते नजर आये। वहीं आरती और प्रसाद वितरण के साथ तीसरे दिन के आयोजन का समापन हुआ। इस दौरान कथा व्यास ने इस वृहद आयोजन में सम्मिलित होकर हवन पूजन परिक्रमा करने और भागवत कथा सुन पुण्य के भागी बनने के लिए समस्त क्षेत्रवासी भक्तजनों का आह्वान किया।


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