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कुलसचिव महेन्द्र कुमार ने कहा कि विश्वविद्यालय के सभी छात्रों और कर्मचारियों को अपनी सुरक्षा को प्राथमिकता देनी चाहिए। हेलमेट और सीट बेल्ट जैसे यातायात नियमों का पालन करना केवल कानूनी अनिवार्यता नहीं, बल्कि जीवन रक्षा का महत्वपूर्ण उपाय है। परीक्षा नियंत्रक डॉ. विनोद कुमार सिंह ने कहा कि एक छोटी सी सावधानी बढ़ी दुर्घटना को रोक सकती है। हेलमेट और सीट बेल्ट का प्रयोग सिर्फ नियमों का पालन नहीं बल्कि अपने परिवार के प्रति हमारी जिम्मेदारी भी है। उन्होंने विद्यार्थियों से अनुरोध किया कि वे खुद भी सुरक्षा नियमों का पालन करें और दूसरों को भी प्रोत्साहित करें। प्राक्टोरियल बोर्ड के प्राक्टर प्रो. राजकुमार ने सहायक प्राक्टर के साथ विश्वविद्यालय गेट पर प्रवेश करने वाले बिना हेलमेट लगाए लोगों को यातायात नियमों की जानकारी दी और उन्हें सुरक्षित यात्रा के लिए प्रेरित किया। कहा कि एक छोटी सी लापरवाही जीवन को खतरे में डाल सकती है। उन्होंने कहा कि इस अभियान का उद्देश्य दुर्घटनाओं को रोकना और सुरक्षा के प्रति लोगों को संवेदनशील बनाना है। विश्वविद्यालय प्रशासन के इस प्रयास की सराहना करते हुए छात्रों ने भी संकल्प लिया कि वे खुद भी यातायात नियमों का पालन करेंगे और अपने परिवार व दोस्तों को भी इसके लिए प्रेरित करेंगे। इस अवसर पर प्रो. अजय द्विवेदी, प्रो. सौरभ पाल, प्रो. मनोज मिश्र, प्रो. प्रमोद यादव, प्रो. मिथिलेश सिंह, उपकुलसचिव अमृत लाल, बबिता सिंह, अजीत सिंह, डॉ. संजीव गंगवार, डॉ. रसिकेश, डॉ. सुनील कुमार, डॉ. श्याम कन्हैया, डॉ. नृपेंद्र सिंह, डॉ. प्रमेंद्र विक्रम सिंह, डॉ. मंगला प्रसाद, डॉ. दिनेश सिंह, डॉ. पूजा सक्सेना, डॉ. निमिषा यादव, डॉ. पीके कौशिक समेत कई शिक्षक और कर्मचारियों ने अभियान में सहयोग किया।